Foot Corn क्या होता है ? शारीर के किसी भी हिस्से के चमरे का मोटा और शक्त पड़ जाने को ही corn काहा जाता है। ये कॉर्न्स हमे सबसे ज्यादा पांव में ही देखने को मिलता है। ये आकार में छोटे होते है और दर्दनाक हो सकते है। Corn का होना कोई बहुत बड़ा ख़तरा नहीं है, और foot corn ka ilaj हो सकता है।
पर ये आपके को परेशा करने का कारन बन सकता है। foot corn पुरुष के तुलना में महिलायों में ज्यादा देखने को मिलती है।
कॉर्न्स ३ तरह के होते है जैसे
- Hard corns (शक्त )
- Soft corns (नरम)
- Seed corns ( बीज की आकार का)।
Hard कॉर्न्स ही सबसे जयादा देखने को मिलता है। ये जिस जगह पर होता है उस जगह के चमरे शक्त हो जाते है , और ये थोरा फैला हुआ होता है।
Soft कॉर्न्स सफ़ेद या भूरे रंग के होते है , और rubber की तरह थोरा सा नरम होता है। ये पांव की उन्ग्लिओं के बीच ही ज्यादा देखने को मिलती है। seed कॉर्न्स आकार में छोटे होते है , और ये पांव के निचे की हिस्सों में देखने को मिलते है।
पैर में foot corn का कारण (foot corn causes)
Corn का होना कोई चमरे का रोग नहीं है। foot corn ka karan है चमरे का अतिरिक्त घिसना। इसिलए तो पांव में कॉर्न्स ज्यादा बनते है क्यूंकि पांव का इस्तेमाल हम सबसे ज्यादा करते है।
पर ये शारीर के दुसरे हिस्सों में भी हो सकते है। ये जितना मोटा होने लगता है उतना ही दर्दनाक बन जाता है। foot corn ka karan का पता करने के लिए कोई जांच करवाने की जरुरत नहीं पड़ती। ये देखने या छूने से ही पता चल जाता है।
Foot Corn को ना बनने देने का उपाय
पांव के नाख़ून छोटा रखे (Small Nails)
बड़े नाख़ून का होना foot corn ka karan हो सकते है। अगर आपके पांव के नाख़ून बड़े होने तो जूता पहेन ने के बाद दबाव बनेगा जिससे आपके पांव में corn हो सकते है। इसलिए अपने पांव के नाख़ून छोटे रखे।
ऐसे जूत और मोज़े पहने जो अच्छे से पांव में fit हो
जब भी जूते ख़रीदे तो अच्छे से नाप लेकर ख़रीदे। सही जूते का size वो होता है जिसको पहेन ने बाद उतारते वक़्त आपका पैर हल्का फूला हुआ लगे।
कॉर्न Pads का इस्तेमाल करे (Corn Pads for Feet)
कॉर्न pads के इस्तेमाल से चलते वक़्त आपके पांव में दबाव कम होता है जिससे foot corn नहीं बड़ते। corn pads कही अलग अलग shape में मिलते है।इसे आप सीधे अपने पांव के कॉर्न के ऊपर लगा सकते। ये कॉर्न के दर्द से आराम देता है।
अपने पांव को साफ़ रखे (Clean Foot at Home)
पांव का गंदा होना foot corn ka karan हो सकते है। हर रोज अपने पांव को साबुन और पानी से अच्छे से धोये। और कोई scrub brush के इस्तेमाल से साफ़ रखे।
अपने पांव को अच्छे से moisturize करे – हर रोज अपने पांव में foot cream लगाये ताकि पांव नरम रहे और चलते वक़्त दबाव कम हो। इससे foot corn नहीं बनेंगे।
Foot corn ka ilaj (corn treatment)
गरम पानी से foot corn ka ilaj
अपने पांव को १० मिनट तक गरम पानी में दुबोके रखे इससे फूट कॉर्न नरम हो जाएगा और आसानी से ठीक हो जाएगा।
कॉर्न वाले हिस्से को Pumice stone से घिसे
Pumice stone से घिसना foot corn या सूखे चमरे को निकालने का एक बहुत ही अच्छा तरिका है। pumice stone को गरम पानी में भिंगोके रखे और फिर अपने foot corn पर अच्छे से घिसे।
इससे फूट corn के ऊपर के सूखे चमरे निकल जायेंगे। और foot corn धीरे धीरे ठीक होने लगेगा। पर ध्यान रखे जयादा जोर से या ज्यादा देर तक ना घिसे क्यूंकि इससे चमरा छील सकता है।
Lotion से foot corn ka ilaj –
कोई भी moisturizing lotion फूट कॉर्न्स के ऊपर लगाएं। अच्छा होगा अगर उस lotion में salicylic acid नामक उपादान मौजूद हो तो। इससे आपके corn नरम हो जायेंगे और जल्द ठीक हो जायेंगे।
ध्यान रखे कभी भी अपने कॉर्न्स को काट कर निकालने की कोशिश ना करे क्यूंकि ये बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। और इससे आपको बहुत गंभीर infection भी हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह ले
अगर आपको कॉर्न्स के कारन बहुत ज्यादा दर्द महसूस करना पड़ रहा है या आपको corn के साथ साथ diabetes या पतले चमरे होने की समस्या है, तो ऐसे में घरेलु उपचार आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर ले।
कॉर्न्स की जगह पर अगर infection हो जाए तो खुद इलाज ना करे और डॉक्टर के पास जरुर जाएँ। corn की जगह पर इन्फेक्शन होने के कही लक्षण होते है जैसे –
- हद से ज्यादा दर्द होना
- Pus भर जाना
- कॉर्न वाले हिस्से का फुल जाना
- लाल हो जाना
ऐसे में डॉक्टर से इलाज करवाना जरुरी है।
Foot Corn का होना एक बहुत ही आम बात है। ये घरेलु नुसको के इस्तेमाल foot corn ka ilaj किया जा सकता है। surgery की जरुरत बहुत ही कम लोगो को पड़ती है।
और इससे cancer नहीं होती। पर घरेलु नुसको के इस्तेमाल से कॉर्न्स ठीक करने के बाद भी अगर आप ठीक से ध्यान ना रखे तो कॉर्न्स वापस हो सकते है। इसलिए foot corn को ना होने देने के लिए सही जूते पहने, और अपने पांव का ठीक से ध्यान रखे। और जरुरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह जरुर ले।